
सौरभ द्विवेदी बचपन से बाबा बनना चाहते थे. ऐसा बाबा जो पोंगाओं का चोंगा उतार दे. नाम भी सोच रखा था. एंटी बाबा. पर पत्रकार बन गए. सिनेमा और सियासत को भरपूर जिया. और अब यहां इस अवतार में सामने हैं. जो मन आए पूछ लीजिए. क्योंकि पूछेंगे नहीं तो पप्पू बने रहेंगे.