1950 तक वर्ल्ड क्रिकेट अलग ही तरीके से चलता था. पूरी दुनिया ऐसे प्लेयर्स के पीछे पागल थी जो बैटिंग के साथ-साथ बोलिंग भी कर लें. फिर चाहे वो लाला अमरनाथ हों, अमर सिंह हों या फिर कप्तान सी.के. नायडू. लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट की शक्तियां असली ऑल-राउंडर उसे ही मानती थीं जिसने टेस्ट में कम से कम 1000 रन और 100 विकेट अपने नाम किए हों. देखिए वीडियो.
ICC हॉल ऑफ फेम में पहुंचा वो क्रिकेटर, जिसने कब्रिस्तान से निकलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला
कहानी मुल्वंतराय हिम्मतलाल वीनू मांकड़ की.
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