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लॉकडाउन में तेज़ी से वज़न बढ़ा तो शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स पड़ गए? इलाज जान लीजिए

डॉक्टर से जानिए स्ट्रेच मार्क्स से बचने के तरीके.

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स्ट्रेच मार्क्स होने का सबसे आम कारण है प्रेग्नेंसी
यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.

आरती जयपुर की रहने वाली हैं. 28 साल की हैं. पिछले ही साल उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया. डिलिवरी के बाद उनके पेट, कूल्हों और जांघों पर स्ट्रेच मार्क्स पड़ गए. स्ट्रेच मार्क्स लकीरों की तरह दिखते हैं. आरती बताती हैं कि उन्होंने कई क्रीम्स का इस्तेमाल किया, पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ. स्ट्रेच मार्क्स बहुत ही आम हैं. और ये सिर्फ़ प्रेग्नेंसी के दौरान या बाद में नहीं होते. ये किसी को भी, कभी भी हो सकते हैं. ख़ासतौर पर जब वेट गेन या लूज़ होता है. पर आरती अपने स्ट्रेच मार्क्स से निजात पाना चाहती हैं. वो सहज महसूस नहीं करतीं. आरती चाहती हैं कि हम डॉक्टर्स से पूछकर उनको इसका सही इलाज बताएं. तो चलिए स्ट्रेच मार्क्स के बारे में थोड़ा तफ़सील से जानते हैं. साथ ही पता करते हैं ये क्यों पड़ जाते हैं?
क्या होते हैं स्ट्रेच मार्क्स?
ये हमें बताया डॉक्टर अप्रितम गोएल ने.
Image result for apratim goel डॉक्टर अप्रतिम गोयल, डर्माटॉलजिस्ट, क्यूटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई


स्ट्रेच मार्क्स एक तरह से हमारी स्किन पर होने वाले स्कार्स होते हैं. ये स्किन पर टेढ़ी-मेढ़ी लाइन्स जैसे दिखते हैं. स्किन के ज़्यादा खिंचने के कारण स्ट्रेच मार्क्स होते हैं यानी जब स्किन स्ट्रेच होती है तब केवल ऊपर की चमड़ी स्ट्रेच नहीं होती उसके नीचे जो कोलेजन (स्किन के अंदर बनने वाला प्रोटीन) और इलास्टिक बंडल हैं, वो भी स्ट्रेच होते हैं. अगर कोलेजन और इलास्टिक बंडल ज़्यादा ही स्ट्रेच हो जाएं तो वो टूट जाते हैं जिसके कारण स्किन के अंदर एक स्कार बन जाता है. इन मार्क्स का डायरेक्शन बहुत टेढ़ा-मेढ़ा होता है. ये पेड़ की शाखाओं की तरह के फैले हुए दिखते हैं.
कारण
-स्ट्रेच मार्क्स होने का सबसे आम कारण है प्रेग्नेंसी. जब औरतें प्रेगनेंट होती हैं तब पेट और हिप्स बहुत कम समय में काफ़ी ज़्यादा बढ़ जाते हैं. इस कारण स्किन के अंदर कोलेजन और इलास्टिक बंडल टूट जाते हैं. नतीजा? स्ट्रेच मार्क्स.
Image result for stretch marks स्किन के ज़्यादा खिंचने के कारण स्ट्रेच मार्क्स होते हैं


-इसके अलावा प्यूबर्टी (किशोरावस्था) में जब किसी की हाइट बढ़ती है और तेजी से बढ़ती है तो उन्हें भी स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं
-अगर आप एकदम से बहुत ज़यादा वेट लूज़ कर देते हैं तो स्किन का सपोर्ट सिस्टम चला जाता है फैट कम होने की वजह से. इससे स्ट्रेच मार्क्स पड़ जाते हैं
-कुछ और कारण भी हैं. जैसे आप जिम जाते हैं और बहुत ज़्यादा वेट उठाते हैं. पर आपकी मांसपेशियों को अभी तक इतना भार उठाने की आदत नहीं हुई है. इस केस में स्किन के अंदर मौजूद इलास्टिक फाइबर फट जाते हैं और स्ट्रेच मार्क्स पड़ जाते हैं
-एक और कारण है. स्टेरॉयड क्रीम्स इस्तेमाल करना. हो सकता है आप कोई ऐसी क्रीम इस्तेमाल कर रहे हैं एलर्जी या रिएक्शन के लिए. या चेहरे पर इस्तेमाल कर रहे हैं गोरा होने के लिए. ऐसी क्रीम में स्टेरॉयड हो सकते हैं. जिनसे स्ट्रेच मार्क्स पड़ जाएं
-कुछ बीमारियां हैं जिनके कारण शरीर में हॉर्मोनल इम्बैलेंस होता है. इसमें हमारी बॉडी के अंदर बनने वाले स्टेरॉयड ज़्यादा बनने लगते हैं. नतीजा? स्ट्रेच मार्क्स
स्ट्रेच मार्क्स होने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, ये हमने जान लिया. अब बात करते हैं कि क्या स्ट्रेच मार्क्स से बचा जा सकता है, साथ ही इसका इलाज क्या है?
बचाव
वैसे स्ट्रेच मार्क्स से बचा नहीं जा सकता है क्योंकि स्ट्रेच मार्क्स जेनेटिक भी होते हैं. यानी परिवार में लोगों को स्ट्रेच मार्क्स रहे हैं. अगर आपकी मां को प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेच मार्क्स हुए थे तो हो सकता है आपको भी होंगे. लेकिन कुछ तरीके हैं जिन्हें आप अपनाएं तो ये कम हो सकते हैं. जैसे जब आप वेट गेन या लॉस कर रहे हों तो उसे कंट्रोल करें. एकदम से न करें.
Image result for stretch marks अगर आप एकदम से बहुत ज़यादा वेट लूज़ कर देते हैं तो स्किन का सपोर्ट सिस्टम चला जाता है फैट कम होने की वजह से. इससे स्ट्रेच मार्क्स पड़ जाते हैं


-अगर आप जिम जा रहे हैं तो वेट धीरे-धीरे उठाने शुरू करें, एकदम से बहुत भारी वेट न उठाएं. ताकि आपकी मांसपेशियों के ऊपर जो इलास्टिक फाइबर हैं वो टूटे न
-जब आप प्रेगनेंट हों तो उस वक़्त अपने वेट गेन का ख़ास ख़याल रखें, अपनी स्किन को नमी देते रहें अगर स्किन को नमी मिलती रहेगी तो नीचे के फाइबर बचे रहते हैं
-जो लोग एक्सरसाइज करते हैं उन्हें स्ट्रेच मार्क्स कम पड़ते हैं क्योंकि उससे खून का बहाव बढ़ता है
-कोई भी ऐसी क्रीम न लगाएं जिसमें स्टेरॉयड हों लेकिन इन सबके बावजूद हो सकता है कि आपके शरीर के अंदर कोई हॉर्मोनल इम्बैलेंस हो और आपको स्ट्रेच मार्क्स पड़ जाएं. अगर ऐसा है तो आपको उसका पता लगाना पड़ेगा
इलाज
-स्ट्रेच मार्क्स 100 प्रतिशत ठीक नहीं होते हैं
-किसी भी घरेलू उपचार, क्रीम, लेज़र से स्ट्रेच मार्क्स पूरे गायब नहीं होते
-स्ट्रेच मार्क्स जब शुरू होते हैं तो वो अक्सर लाल रंग के होते हैं
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अगर आप जिम जा रहे हैं तो वेट धीरे-धीरे उठाने शुरू करें

-धीरे-धीरे वो सफ़ेद पड़ जाते हैं
-कोई भी इलाज लाल वाले स्ट्रेच मार्क्स पर ज़्यादा असरदार रहती है, इस वक़्त उनमें ब्लड सप्लाई ज़्यादा होती है
-एक बार स्ट्रेच मार्क्स सफ़ेद पड़ जाते हैं तो उन्हें ठीक करना ज़्यादा मुश्किल होता है
-घरेलू उपचार करना चाहते हैं तो कोई भी क्रीम या तेल स्किन पर लगाकर रखिए नहाने के बाद. इससे स्किन में नमी रहती है
-रोज़ क्रीम लगाने से स्ट्रेच मार्क्स जाएंगे नहीं पर कम हो जाएंगे
-आप कोई भी क्रीम या तेल इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल, सेसमी ऑयल
-अगर ये आपको चिपचिपे लग रहे हैं तो आप कोई भी बॉडी क्रीम इस्तेमाल कर सकते हैं नहाने के एकदम बाद
-स्ट्रेच मार्क्स से निपटने के लिए कई ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं, साथ ही स्ट्रेच मार्क्स क्रीम भी उपलब्ध हैं
-पर ये क्रीम बहुत महंगी होती हैं और बहुत असरदार नहीं होती हैं
-वो क्रीम किन चीज़ों से बनी हैं. ये ज़रूर चेक कर लीजिए. उसमें या तो ट्रेटिनोइन (Tretinoin), लेसीथिन (Lecithin) या पेप्टाइड्स (Peptides) होगा, ये कुछ ऐसे केमिकल हैं जो कुछ हद तक स्किन की पीलिंग भी करते हैं
-जब स्किन पील हो रही होती है तो स्किन ने अंदर नया कॉलाजेन बनता है
-ट्रेटिनोइन (Tretinoin) क्रीम के इस्तेमाल से स्ट्रेच मार्क्स थोड़े कम हो जाते हैं. ट्रेटिनोइन एक पीलिंग एजेंट है तो ये आपकी स्किन को ड्राई भी कर देगा इसलिए आप कभी भी कोई ट्रेटिनोइन (Tretinoin) क्रीम इस्तेमाल करें तो उसके साथ कोई ऑयल या नमी वाली क्रीम ज़रूर इस्तेमाल करें
-उसके अलावा आप किसी भी स्किन डॉक्टर के पास जा सकते हैं. वहां कई ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं. जैसे PRP, फ्रैक्शनल लेज़र (Fractional Laser), फ्रैक्शनल अरबिअम (Fractional Erbium Laser), कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide), और माइक्रो नीडलिंग रेडियो फ़्रीक्वेंसी (Micro-needling Radio Frequency)
-इनसे स्किन में छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं, इससे स्किन पर जो घाव होता है उसके आसपास नया कोलेजन बनता है. नया कोलेजन बनने से स्ट्रेच मार्क्स कम हो जाते हैं
डॉक्टर ने जो टिप्स बताई हैं, उन्हें ज़रूर ट्राई करिएगा. असर देखने को मिलेगा.


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