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सुविंदर सिंह सुक्खू, एक बस ड्राइवर का बेटा जो अब हिमाचल प्रदेश की सरकार चलाएगा

मुकेश अग्निहोत्री को हिमाचल का डिप्टी सीएम बनाया गया.

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नादौन से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू (फोटो- फेसबुक)

हिमाचल के अगले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे. विधायकों की बैठक में सुक्खू को विधायक दल का नेता चुना गया. चुनावी नतीजों के बाद से ही इस बात की चर्चा थी कि सुक्खू मुख्यमंत्री की रेस में आगे हैं. कांग्रेस आलाकमान ने सुक्खू के नाम पर मुहर लगाई. इसी के साथ मुकेश अग्निहोत्री को हिमाचल का डिप्टी सीएम बनाया गया है.

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विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सुक्खू ने कहा- 

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और मैं एक टीम की तरह काम करेंगे. मैंने 17 साल की उम्र में राजनीति शुरू की थी. मैं यह कभी नहीं भूलूंगा जो कांग्रेस पार्टी ने मेरे लिए किया है. मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राज्य के लोगों का आभारी हूं. हमारी सरकार बदलाव लाएगी. हिमाचल प्रदेश के लोगों से किए गए वादों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है. हमें राज्य के विकास के लिए काम करना है.

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कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू?

सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के बड़े नेता माने जाते हैं. हमीरपुर जिले की नादौन सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. इस चुनाव में सुक्खू कांग्रेस प्रचार कमेटी के चेयरमैन थे. चुनाव में सुक्खू की जिम्मेदारियों और उनके कद को देखते हुए ये माना जा रहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो सुक्खू सीएम बन सकते हैं.

सुक्खू हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2013 से 2019 तक सूक्खू ने ये जिम्मेदारी निभाई. चुनाव से पहले प्रतिभा सिंह को राज्य में पार्टी की कमान सौंपी गई. लेकिन प्रचार की जिम्मेदारी सुक्खू के कंधों पर ही थी.

वैसे तो सुक्खू को वीरभद्र के विरोधी खेमे का नेता माना जाता था. लेकिन सीएम रेस में प्रतिभा सिंह का नाम आने के बाद से सुक्खू और प्रतिभा सिंह खेमा खुलकर आमने-सामने आ गए था. आज सुबह जब से ये खबर आई कि विधायक दल के नेता पर आज ही मुख्यमंत्री का ऐलान होगा, तब से दोनों ही खेमों के कार्यकर्ता अपने नेता के लिए नारेबाजी कर रहे थे. लेकिन अंत में कुर्सी सुक्खू को मिली.

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नादौन के रहने वाले हैं

नादौन के विधायक सुक्खू यहीं के रहने वाले हैं. गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. सुक्खू के पिता बस ड्राइवर थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई नादौन से ही हुई. स्कूल के बाद जब वो कॉलेज गए तभी से राजनीति की तरफ उनका रुझान हो गया था. B.A की पढ़ाई के दौरान ही सुक्खू कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI में शामिल हो गए. हायर स्टीज़ के लिए सुक्खू हिमाचल यूनिवर्सिटी गए. वहां उन्होंने M.A किया और वकालत की पढ़ाई की.

सुक्खू 1989 से 1995 तक NSUI के प्रदेश अध्यक्ष रहे.  इसके बाद तीन साल तक प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव रहे. समय के साथ राजनीति में सुक्खू का कद लगातार बढ़ रहा था. 1998 में प्रदेश युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और इस पद पर वे लगातार दस साल तक रहे.

चुनावी राजनीति की बात करें तो सुक्खू ने 1992 में ही हाथ आज़मा लिया था. 1992 में उन्होंने पहला चुनाव पार्षद का लड़ा. जीते भी और लगातार दो बार पार्षद रहे. लेकिन विधानसभा पहुंचने के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ा. 2003 में उन्हें पहली बार विधायकी का टिकट मिला. इसी के साथ वो लगातार दो बार विधायक चुने गए. लेकिन 2012 में उन्हें बीजेपी के विजय अग्निहोत्री ने हरा दिया था. 2017 में उन्हें नादौन की जनता ने एक बार फिर अपना नेता चुुना.

हालांकि, गौर करने वाली बात ये है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू तीन बार विधायक रहे. प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष रहे. बावजूद इसके वीरभद्र की किसी सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. लेकिन इस बार किस्मत सुक्खू के साथ थी. और मुख्यमंत्री का ताज उन्हीं के सिर सजा. 

वीडियो: प्रतिभा सिंह, सुखविंदर या मुकेश अग्निहोत्री, हिमाचल में मुख्यमंत्री चुनने वाली बैठक में क्या हुआ?

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