RLD सुप्रीमो अजीत सिंह का कोरोना से निधन
फेफड़ों में इंफेक्शन फैलने और निमोनिया के चलते 4 मई से वेंटिलेटर पर थे.
Advertisement

6 बार सांसद रहे, वेस्ट यूपी के बड़े नेता चौधरी अजीत सिंह का कोरोना से निधन हो गया.
देश की राजनीति का बड़ा चेहरा और राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह का 6 मई को कोराना संक्रमण के चलते निधन हो गया. वह 82 साल के थे. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह बागपत से छह बार और एक बार राज्यसभा सांसद रहे. वह केंद्र सरकार में चार बार मंत्री रहे, जिसमें केंद्रीय उड्डयन मंत्री का पद भी शामिल है.
कुछ दिनों से थे कोरोना संक्रमित
राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख चौधरी अजीत सिंह 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे. लेकिन 4 मई की रात उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई. उन्हें फौरन गुरुग्राम के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. निमोनिया गहराने की वजह से अजीत सिंह को वेंटिलेटर पर रखा गया था. वो बात नहीं कर पा रहे थे. बेहोशी की हालत में थे. उनके फेफड़ों में संक्रमण काफी बढ़ गया था. उनके बेटे जयंत चौधरी ने ट्विटर पर उनके निधन की जानकारी दी.
वेस्ट यूपी के कद्दावर नेता
अजीत सिंह देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे थे. चौधरी अजीत सिंह वेस्ट यूपी में जाटों के बड़े नेता माने जाते थे. वह चार बार केंद्रीय मंत्री भी रहे. पिछले दो लोकसभा चुनाव और दो विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. वह अपने गढ़ बागपत से भी लोकसभा चुनाव हार गए. अजीत सिंह के बेटे जयंत चौथरी भी मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव हारे. हालांकि, हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा. चौधरी अजीत सिंह राजनीति में आने से पहले कंप्यूटर इंजीनियर थे. उन्होंने IIT खड़गपुर से बीटेक किया था औऱ आगे की पढ़ाई अमेरिकी की इलिनॉय इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से की. उन्होंने कई बरस अमेरिका में नौकरी भी की. वह 1986 में पहली बार संसद तब पहुंचे जब उनके पिता चौधरी चरण सिंह काफी बीमार थे. वह राज्यसभा के सदस्य बने. 1989 में वीपी सिंह की सरकार में वह कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर बने. 1995 में वह खाद्य प्रसंस्करण मंत्री, 2001 में कृषि मंत्री और 2011 में वह सिविल एविएशन मिनिस्टर रहे.
Advertisement
Advertisement
Advertisement