कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के चक्कर में राजस्थान कांग्रेस में भौकाल कट गया है. चुनाव लड़ने को तैयार हुए सीएम अशोक गहलोत के कई विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. बोल रहे हैं कि दिल पर पत्थर रखकर गहलोत को जाने दे रहे हैं, लेकिन सचिन पायलट का आंखें बिछाकर स्वागत नहीं कर सकते. हंगामे के बीच रविवार, 25 सितंबर को दिल्ली से कांग्रेस आलाकमान के दो प्रतिनिधि राजस्थान पहुंचे. मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन. कहा गया कि चाहे कुछ हो जाए मामला सुलटा के जाएंगे, भले 'जगराता' करना पड़ जाए. रात तो चली गई, लेकिन बात वहीं की वहीं है. सोमवार, 26 सितंबर को अजय माकन ने बताया कि गहलोत खेमे के विधायकों ने उनकी बात तो सुनी नहीं, उल्टा अपनी डिमांड्स बता दीं.
गहलोत खेमे के विधायकों ने रखी ये 3 शर्तें, अजय माकन बोले- 'ऐसे थोड़ी होता है!'
"हमारे खेमे का विधायक सीएम हो, ना कि सचिन पायल या उनके गुट का."

अजय माकन ने बताया कि इस्तीफा देने वाले विधायकों की तरफ से केवल तीन नेता उनसे मिले. प्रताप सिंह खचरियावास, एस धारीवाल और सीपी जोशी ने दिल्ली से आए दोनों नेताओं से मुलाकात की. अजय माकन के मुताबिक, तीनों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी हैं.
कांग्रेस आलाकमान के सामने तीन शर्तेंदिल्ली से लेकर राजस्थान तक कांग्रेस में मचे हंगामे के बीच अजय माकन सोमवार, 26 सितंबर को मीडिया के सामने आए और कहा,
"हमें तीन शर्तें बताई गईं. एक, कांग्रेस अध्यक्ष को सीएम नियुक्त करने की जिम्मेदारी देने के प्रस्ताव की घोषणा 19 अक्टूबर के बाद की जाए. (लेकिन) हमने कहा कि इसमें हितों का टकराव होगा. अगर 19 अक्टूबर के बाद सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस प्रमुख बन गए तो वो खुद ही प्रस्ताव लागू करने की स्थिति में होंगे.
दूसरा, हमने जब कहा कि हम एक-एक विधायक से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे तो उन्होंने कहा कि वे समूह में ही बात करेंगे. हमने साफ कर दिया कि इस तरह काम नहीं होता है, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी.
तीसरी शर्त ये कि अगला मुख्यमंत्री उन 102 विधायकों में से चुना जाना चाहिए जो सीएम गहलोत के प्रति वफादार हैं, न कि सचिन पायलट या उनके ग्रुप के विधायक को सीएम बनाया जाए. हमने उनसे कहा कि उनकी मांगों और भावनाओं को कांग्रेस चीफ तक पहुंचा दिया जाएगा. वो सीएम अशोक गहलोत और बाकी लोगों से बातचीत के बाद अपना फैसला लेंगी."
अजय माकन ने आगे कहा,
"उन्होंने (विधायकों ने) जोर देकर कहा कि इन तीन शर्तों पर ही रिसॉल्यूशन लाया जा सकता है. हमने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है, जिसके साथ इस तरह की मांगें और शर्तें लगी हों. हितों का टकराव नहीं होना चाहिए."
अजय माकन ने बताया कि बातचीत के लिए वो और मल्लिकार्जुन खड़गे विधायकों का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए. माकन ने ये भी कहा कि फिलहाल किसी को नहीं पता कि कितने और किन विधायकों ने इस्तीफा दिया है और किसने नहीं दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने उम्मीद जताई कि बातचीत कर मसले का हल निकाल लिया जाएगा. बोले कि अब वो और खड़गे दिल्ली के लिए निकल रहे हैं. वहां सोनिया गांधी को रिपोर्ट देंगे.
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