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पायल तड़वी केस: कोर्ट का आदेश सुनते ही तीनों आरोपी डॉक्टर्स रोने लगीं

आरोप है कि इन्हीं तीन की जातिगत टिप्पणियों और हरैसमेंट से तंग आकर पायल ने सुसाइड किया था.

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पायल तड़वी मुंबई के BYL नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर थी. MD कर रही थीं. (फोटो: फेसबुक)
डॉ. पायल तड़वी आत्महत्या केस में आरोपियों की बेल पर सुनवाई को 17 जून तक टाल दिया गया है. कोर्ट का आदेश सुनते ही तीनों आरोपी डॉक्टर रोने लगींं. आरोपी हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल ने जून की शुरुआत में बेल के लिए अप्लाई किया था. लेकिन कोर्ट ने बेल की अर्ज़ी खारिज करते हुए सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 14 दिन और बढ़ा दिया है. अब तीनों आरोपी डॉक्टर 24 जून तक हिरासत में रहेंगी.
आरोपी डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें वापस जेल नहीं भेजा जाना चाहिए, ऐसा करना उनके ख़िलाफ अन्याय होगा. आरोपियों ने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है, उन पर लगे आरोप गलत हैं.
दरअसल, इन तीन महिला डॉक्टर्स को कथित तौर पर जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है. गायनेकलॉजी सब्जेक्ट में सेकेंड इयर स्टूडेंट पायल के पति और परिवार ने आरोप लगाया था कि साथ काम करने वाले लोगों की जातिगत टिप्पणियों से परेशान होकर पायल को ये कदम उठाना पड़ा था.
इस मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच अबतक आरोपियों से पूछताछ नहीं कर पाई है. पिछली सुनवाई में क्राइम ब्रांच ने कस्टडी की मांग की थी जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था. तीनों आरोपी डॉक्टर्स को 29 मई को गिरफ्तार किया गया था. उन पर इंडियन पीनल कोड, महाराष्ट्र रेगिंग निरोधी एक्ट और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

# मामला क्या है

पायल तड़वी मुंबई के BYL नायर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर थी. गायनेकलॉजी सब्जेक्ट में MD कर रही थीं. कथित तौर पर अपने तीन सीनियर डॉक्टर्स के हाथों हो रहे हरैसमेंट और जातिगत टिप्पणियों से तंग आकर 22 मई को हॉस्टल के अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. हालांकि पुलिस इस बात की जांच भी कर रही है कि ये आत्महत्या ही है या कहीं हत्या का मामला तो नहीं.


डॉ. पायल तड़वी आत्महत्या मामले में आरोपियों को बेल देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. डॉ. पायल तड़वी आत्महत्या मामले में आरोपियों को बेल देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है.

 पायल के परिवार का आरोप है कि पायल चूंकि अनुसूचित जनजाति की थी, आदिवासी थी, इसीलिए उसके सीनियर्स उसे निशाना बना रहे थे. परिवार का कहना है कि 10 मई को उन्होंने पायल के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की थी. मगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.




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