आरोपी डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें वापस जेल नहीं भेजा जाना चाहिए, ऐसा करना उनके ख़िलाफ अन्याय होगा. आरोपियों ने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है, उन पर लगे आरोप गलत हैं.
दरअसल, इन तीन महिला डॉक्टर्स को कथित तौर पर जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है. गायनेकलॉजी सब्जेक्ट में सेकेंड इयर स्टूडेंट पायल के पति और परिवार ने आरोप लगाया था कि साथ काम करने वाले लोगों की जातिगत टिप्पणियों से परेशान होकर पायल को ये कदम उठाना पड़ा था.
इस मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच अबतक आरोपियों से पूछताछ नहीं कर पाई है. पिछली सुनवाई में क्राइम ब्रांच ने कस्टडी की मांग की थी जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था. तीनों आरोपी डॉक्टर्स को 29 मई को गिरफ्तार किया गया था. उन पर इंडियन पीनल कोड, महाराष्ट्र रेगिंग निरोधी एक्ट और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
# मामला क्या है
पायल तड़वी मुंबई के BYL नायर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर थी. गायनेकलॉजी सब्जेक्ट में MD कर रही थीं. कथित तौर पर अपने तीन सीनियर डॉक्टर्स के हाथों हो रहे हरैसमेंट और जातिगत टिप्पणियों से तंग आकर 22 मई को हॉस्टल के अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. हालांकि पुलिस इस बात की जांच भी कर रही है कि ये आत्महत्या ही है या कहीं हत्या का मामला तो नहीं.