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शहर-शहर रोड शो! भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए मालदीव ने नया तरीका ढूंढ लिया

राजनयिक विवाद के बाद मालदीव का दौरा करने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में काफी गिरावट देखी गई. इससे मालदीव को काफी नुकसान हुआ.

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लक्षद्वीप को लेकर मालदीव और भारत के बीच विवाद हुआ था (फोटो- आजतक)
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गीता मोहन

मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है जिसके चलते उसे टूरिज्म में काफी नुकसान हो रहा है (Maldives Tourism). अब मालदीव ने भारतीय पर्यटकों को रिझाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है. खबर है कि मालदीव टूरिज्म एजेंट अब भारत आकर अलग-अलग शहरों में रोड शो करने वाले हैं. 

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8 अप्रैल को मालदीव की राजधानी माले में भारतीय उच्चायुक्त के साथ चर्चा के बाद मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने भारत में रोड शो आयोजित कर पर्यटन बढ़ाने की योजना की घोषणा की. बयान में कहा गया,

MATATO ने पर्यटन पहल को बढ़ावा देने के लिए मालदीव में भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया. भारत के प्रमुख शहरों में एक व्यापक रोड शो शुरू करने की तैयारी चल रही है. आने वाले महीनों में मालदीव में इंफ्लूएंसर और मीडिया परिचित ट्रिप्स को सुविधाजनक बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है.

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Representatives of the Maldives tourism body are holding a discussion with India's High Commissioner in Male, Munu Mahawar
मालदीव पर्यटन निकाय के प्रतिनिधि माले में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर के साथ चर्चा करते हुए (फोटो- इंडिया टुडे) 

MATATO ने कहा,

भारत मालदीव के पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है और हम मालदीव को एक प्रीमियर ट्रैवल डेस्टिनेशन के तौर पर बढ़ावा देने के लिए भारत के मुख्य ट्रैवल एसोसिएशन और स्टेकहोल्डर्स के साथ साझेदारी करना चाहते हैं. 

मालदीव के साथ क्या विवाद?

2 जनवरी को PM नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था. उन्होंने समुद्र किनारे टहलते और समय बिताते कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालीं. प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप का प्रचार भी किया. लिखा कि घुमक्कड़ों को लक्षद्वीप जाना चाहिए. इस पर मालदीव की एक मंत्री ने कह दिया कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं. और भी बहुत कुछ विवादित बोला गया. दो और मंत्रियों ने भी गलत बयानबाजी की. जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव का नाम भी नहीं लिया था. विवादित टिप्पणी को लेकर बवाल मच गया. हर कोई बयान की आलोचना करने लगा.

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फिर भारत ने मालदीव सरकार के सामने इन टिप्पणियों पर आपत्ति दर्ज करवाई. मालदीव के अंदर भी इन टिप्पणियों को लेकर विरोध हुआ. मालदीव सरकार ने भारत के खिलाफ टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों- मरियम शिउना, मालशा और हसन ज़िहान- को सस्पेंड कर दिया और खुद को तीनों के बयान से अलग भी कर लिया. हालांकि, तब से ही दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.

मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, राजनयिक विवाद के बाद मालदीव का दौरा करने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में काफी गिरावट देखी गई. 2023 में मालदीव का दौरा करने वाले 17 लाख से ज्यादा पर्यटकों में से सबसे ज्यादा भारतीय थे. लगभग दो लाख. राजनयिक तनाव के बाद के हफ्तों में भारतीय टूरिस्ट की संख्या गिर गई और पांचवें स्थान पर खिसक गई.

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पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक राष्ट्रपति के सत्ता में आने के बाद से भी भारत और मालदीव के बीच संबंधों में दिक्कतें चल रही थीं. 

वीडियो: चीन से बातचीत के बाद भारतीय सैनिकों को मालदीव से क्यों निकालने लगे मुइज्जू ?

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