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ऑस्ट्रेलिया में फिर हिंदू मंदिर पर हमला, खालिस्तान समर्थकों पर आरोप लगा है

ऑस्ट्रेलिया में पिछले 2 महीने में मंदिरों पर हमले की यह चौथी घटना है.

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ब्रिसबेन का श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर (फोटो- laxminarayanmandir.com.au)

ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर हिंदू मंदिर पर हमला किया गया है. हमले का आरोप खालिस्तान समर्थकों पर लगा है. घटना शनिवार, 4 मार्च की है. ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में यह हमला श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर हुआ है. लोगों ने हमले के साथ मंदिर की दीवारों पर आपत्तिजनक पेंटिंग भी की है. यह हमला तब हुआ जब शनिवार की सुबह लोग मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे. ऑस्ट्रेलिया में पिछले 2 महीने में मंदिरों पर हमले की यह चौथी घटना है.

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यह मंदिर दक्षिणी ब्रिसबेन के एक कस्बे में है. हमले के बाद की कुछ तस्वीरें आई हैं. मंदिर की दीवार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम और 'आतंकवाद', 'सिख 1984 नरसंहार' जैसे शब्द लिखे हैं. द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर के अध्यक्ष सतेंदर शुक्ला ने बताया कि बाउंड्री वॉल पर हमले के बाद मंदिर के पुजारी और भक्तों ने उन्हें फोन कर बुलाया. पुलिस अधिकारियों को मंदिर की सुरक्षा के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों के साथ मैनेजमेंट कमिटी की बैठक के बाद वो एक डिटेल बयान जारी करेंगे.

वहीं हिंदू मानवाधिकार के निदेशक सराह एल गेट्स ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को डराने के लिए सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने एक और हेट क्राइम को अंजाम दिया है.

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खालिस्तान के नाम पर लगातार हिंसा

पिछले महीने ब्रिसबेन के गायत्री मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने धमकी भरे कॉल किये थे. खुद को 'गुरुअवधेश सिंह' बताने वाले शख्स ने मंदिर के अध्यक्ष डॉ जय राम को कॉल कर 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने के लिए धमकाया. साथ ही कहा कि हिंदुओं को खालिस्तान जनमत संग्रह का समर्थन करना चाहिए.

इससे पहले 29 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करवाने की घोषणा की थी. इसका कुछ भारतीयों ने विरोध किया था. विरोध करने पर तिरंगा लिए भारतीयों की खालिस्तान समर्थकों ने पिटाई तक कर दी थी.

मंदिरों पर बढ़े हमले

हाल में खालिस्तान समर्थकों ने कई बार हिंदू मंदिरों पर हमले किए हैं. 17 जनवरी को मेलबर्न के स्वामीनारायण मंदिर पर हमला किया गया था. मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे गए थे. इससे पहले विक्टोरिया में भी मंदिरों पर हमले हुए थे.

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इन हमलों के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी खालिस्तान समर्थकों की आलोचना की थी. भारत में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फैरेल ने 20 जनवरी को ट्वीट कर लिखा था कि भारत की तरह ऑस्ट्रेलिया भी एक गौरवशाली बहुसांस्कृतिक देश है. हम मेलबर्न में दो हिन्दू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ की घटना से स्तब्ध हैं और ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं. अभिव्यक्ति की आजादी को हमारे पुरजोर समर्थन में हिंसा और घृणा के लिए कोई जगह नहीं है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों और तिरंगे को निशाना क्यों बनाया गया?

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