मुंबई में 14 अप्रैल को मजदूरों की भीड़ घर जाने को रेलवे स्टेशन के पास जमा हो गई. फोटो: इंडिया टुडे
14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर हज़ारों प्रवासी मजदूर जमा हो गए. उन्हें लग रहा था कि लॉकडाउन खुल जाएगा ,तो वे ट्रेन में बैठकर अपने घर लौट जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. इन मजदूरों को स्टेशन के पास से हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. पत्रकार पद्मजा जोशी का यह वीडियो ट्वीट देख सकते हैं.
पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ अलग-थलग हो गई.
इंडिया टुडे में छपी ख़बर मुताबिक़, स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं होगी. हर संभव मदद की जाएगी. पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया-
ये लोग दिहाड़ी मजदूर हैं. यहां 3 बजे करीब हज़ार से ज्यादा लोग जमा हो गए थे. ये लोग पटेल नगरी के आस पास के स्लम में रहते हैं. इनकी मांग थी कि इन्हें ट्रांसपोर्ट सुविधा मिले ताकि ये अपने घर लौट सकें. ये लोग मूलतः बंगाल और उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे.
शिवसेना ने केंद्र पर आरोप लगाया पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर आरोप लगाया है, उन्होंने ट्वीट किया,
बांद्रा स्टेशन से अब मजदूरों को हटा दिया गया. हाल ही में सूरत में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था. केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले सकी है. प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं. जिस दिन से ट्रेन को बंद किया गया उसी दिन हमने अगले 24 घंटे ट्रेन चलाने की गुजारिश की थी ताकि प्रवासी मजदूर घर पहुंच सकें. सीएम उद्धव ठाकरे ने भी पीएम मोदी से इस मसले को लेकर बात की थी. अभी 6 लाख से ज्यादा लोगों को महाराष्ट्र के कई शेल्टर कैंपों में रखा गया है.
इसी तरह सूरत के वराछा इलाके में भी 14 अप्रैल को करीब 500 मजदूर जमा हो गए. ये मजदूर सूरत की टेक्स्टाइल कंपनियों में काम करते हैं. उनकी मांग थी कि उन्हें उनके गांव जाने दिया जाए.
इन मजदूरों का कहना था कि सरकार इनकी जांच करवाकर उन्हें उनके गांव भेज दे. हालांकि, पुलिस ने इनकी मांगों को मानने से इनकार कर दिया.
विडियो- लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया गया, पर PM मोदी ने 20 अप्रैल के बाद छूट देने की बात क्यों कही?