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'सत्ता के लिए बेटी को दांव पर लगाया', BJP MLA रामेश्वर शर्मा राजपूतों को 'लुटेरा' भी कह गए

बोले- जोधा-अकबर में आई लव यू था क्या?

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(बाएं) बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा. (दाएं) राजपूत समाज की एक महिला शस्त्र पूजा करती हुई. (तस्वीरें- रामेश्वर शर्मा के ट्विटर अकाउंट और पीटीआई से साभार हैं.)
रामेश्वर शर्मा. मध्य प्रदेश के हुजूर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हैं. विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर भी रह चुके हैं. उनकी सियासी पहचान एक हिंदुत्ववादी नेता की मानी जाती है. रामेश्वर शर्मा ने एक बयान दिया है, जिस पर विवाद हो गया है. बयान ऐसा है कि महिला अधिकार समर्थक वर्ग तो रामेश्वर शर्मा की आलोचना कर ही रहा है, हिंदुत्ववादी विचारधारा पर चलने वाले भी BJP विधायक से नाराज दिख रहे हैं. हालांकि विवाद की गंभीरता को देखते हुए रामेश्वर शर्मा ने माफी मांगी है. ऐसा क्या कह दिया? रामेश्वर शर्मा ने राजपूत समाज के लिए कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है. कहा है कि सत्ता के लालच में राजपूतों के पूर्वजों ने बेटियों को भी दांव पर लगा दिया. इंडिया टुडे/आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार 26 सितंबर को रामेश्वर शर्मा सागर जिले के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे. कार्यक्रम 'हिंदुत्व धर्म संवाद' के नाम से आयोजित किया गया था. MLA रामेश्वर शर्मा के अलावा BJP नेता कपिल मिश्रा ने भी कार्यक्रम में शिरकत की थी. दोनों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. रवीश पाल सिंह के मुताबिक, कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते वक्त रामेश्वर शर्मा राजपूतों पर विवादित टिप्पणी कर बैठे. वो सवालिया लहजे में बोले-
"जोधाबाई से रिश्ता किसने किया? कोई आई लव यू नहीं था, मोहब्बत थी? कभी साथ पढ़े थे? कॉफी हाउस में मिले थे या जिम में? जब लोग सत्ता के लोभी हो जाएं और सत्ता को चाहने के लिए बेटी को दांव पर लगा दें, ऐसे लुटेरों से भी सावधान रहने की ज़रूरत है. जो तुम्हारे हैं, लेकिन धर्म को धोखा दे सकते हैं."
घिर गए नेताजी! रामेश्वर शर्मा ने रविवार को ये बयान दिया था, जो सोमवार 27 सितंबर की शाम को ट्विटर पर वायरल हो गया. इसके बाद BJP MLA पर हमले शुरू हो गए. कांग्रेस ने उन्हें जमकर खींचा. कहा कि रामेश्वर शर्मा का बयान राजपूत समाज का अपमान है. ये भी कहा कि BJP विधायक महिलाओं और राजपूत समाज के बारे में इतनी छोटी राय रखते हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस रामेश्वर के खिलाफ ज्यादा ऐक्टिव नजर आई. पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने रामेश्वर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये वीडियो ट्वीट देखिए. वहीं, अन्य ने ये ट्वीट किए.   "मैं तो मुगलों की फूट नीति बता रहा था" विवाद बढ़ता देख रामेश्वर शर्मा ने माफी मांगी. अपने फेसबुक अकाउंट से उन्होंने एक माफीनामा शेयर किया है. इसमें बीजेपी विधायक ने लिखा है कि वो असल में मुगलों की फूट डालने वाली नीति की बात कर रहे थे, उनका मकसद राजपूत समाज को ठेस पहुंचाने का नहीं था. नोट में रामेश्वर ने कहा,
"मैं हिंदुत्व के रक्षक राजपूतों से क्षमा चाहता हूं. आदिकाल से आज तक राजपूत क्षत्रिय वीरों की गाथाएं देश को गौरवान्वित करती रही हैं. इतिहास में भले ही अकबर को महान बताया गया हो, लेकिन मेरे लिए अकबर नहीं, महाराणा प्रताप महान हैं. सागर में आयोजित कार्यक्रम में अकबर और जोधा बाई के प्रसंग का जिक्र करने का उद्देश्य मुगलों की चालाकी और फूट-नीति का उल्लेख करना था."
कागज के अलावा वीडियो के जरिये भी राजपूतों से माफी मांगी है. पत्रकार सुरेंद्र सिंह का ये वीडियो ट्वीट देखिए. रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि अगर उनके शब्दों से किसी भी राजपूत को जरा भी ठेस पहुंची हो तो वो उनके सामने सौ बार झुकने को तैयार हैं और क्षमा चाहते हैं.

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