यूनाइटेड किंगडम की एक महिला लंबे समय से अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर कंफ्यूज रहीं. फिर एक दिन इस संबंध में उन्हें अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी का पता चला. 30 साल की उम्र के बाद उन्हें एक शब्द की जानकारी हुई. उन्हें लगा कि ये शब्द उनके सेक्सुअल ओरिएंटेशन को ठीक-ठीक डिफाइन करता है. इस बारे में उन्होंने अपने एक करीबी दोस्त से बात की. उन्होंने कहा कि वो एब्रोसेक्सुअल (Abrosexual) हैं. LGBTQ+ के टर्म्स से अलग कुछ सुनकर उनके दोस्त का रिएक्शन कुछ अलग था. ये साल 2020 की बात है.
आज पुरुष, कल महिला, परसों... महिला ने सुनाई आपबीती, क्या है ये एब्रोसेक्सुअलटी?
UK की पत्रकार Emma Flint को काफी समय तक पता ही नहीं चला कि उनकी सेक्सुअल आइडेंटिटी क्या है. फिर एक वक्त पर उन्हें लगा कि वो 'लेस्बियन' हैं. एक सप्ताह ही बीते थे कि उन्हें फिर से कंफ्यूजन हुआ. उन्हें लगा कि वो ‘बाइसेक्सुअल’ हैं.
महिला का नाम एम्मा फ्लिंट है. वर्षों से अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी को लेकर परेशान रहने वाली एम्मा को जब फाइनली इस बारे में कुछ स्पष्टता मिली तो उनके करीबी दोस्त ने उनसे दोस्ती तोड़ ली. एक ने कहा कि वो एम्मा को सपोर्ट तो करते हैं लेकिन उन्हें इस टर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं है. और उन्हें ये शब्द ‘रियल’ नहीं लगता.
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UK की न्यूज वेबसाइट मेट्रो के मुताबिक, एम्मा एक फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं. अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर अपने अनुभव के बारे उन्होंने एक आर्टिकल लिखा है. इस आर्टिकल के अनुसार, उनके बचपन में ‘लेस्बियन’, ‘गे’ या ‘स्ट्रेट’ जैसे सेक्सुअल ओरिएंटेशन की चर्चा होती थी. काफी समय तक उन्हें पता ही नहीं चला कि इस मामले में उनकी आइडेंटिटी क्या है. फिर एक वक्त पर उन्हें लगा कि वो 'लेस्बियन' हैं.
इस आभास के एक सप्ताह ही बीते थे कि उन्हें फिर से कनफ्यूज हो गईं. उन्हें लगा कि वो ‘बाइसेक्सुअल’ हैं. ‘बाइसेक्सुअल’ उनको कहा जाता है, जो भावनात्मक और शारीरिक रूप से महिला और पुरूष दोनों के प्रति आकर्षित होते हैं. इसके बाद एम्मा अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी को लेकर और अधिक कनफ्यूज हो गईं.
सेक्सुअल आइडेंटिटी में उतार-चढ़ाव ही Abrosexuality हैलेकिन उन्हें इतना समझ आ गया कि उनकी सेक्सुअल आइडेंटिटी में उतार-चढ़ाव आता रहता है. बस इसी स्थिति को कहते हैं- एब्रोसेक्सुअल.
हेल्थ के विषय पर काम करने वाली एक वेबसाइट WebMD के अनुसार, एब्रोसेक्सुअल व्यक्ति का सेक्सुअल ओरिएंटेशन समय के साथ बदलता रहता है. एक समय पर इनका यौन आकर्षण किसी भी सेक्सुअल आइडेंटिटी वाले व्यक्ति के प्रति हो सकता है, लेकिन फिर कुछ हफ्तों के बाद ये खत्म भी हो सकता है. अलग-अलग समय में ये अलग-अलग जेंडर या सेक्स ओरिएंटेशन के लोगों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं.
Abrosexuality, मल्टीसेक्सुअलिटी के अंदर आता है. इसमें वो सारे लोग आते हैं जो एक से ज्यादा जेंडर के लोगों के प्रति रोमांटिक रूप से आकर्षित होते हैं.
एम्मा अब अपनी एक सेक्सुअल आइडेंटिटी बता सकती थीं. हालांकि, अपनी आइडेंटिटी को लेकर उनका संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ. क्योंकि जब भी उन्होंने खुद को इस रूप में इंट्रोड्यूस किया तो सामने वाले ने इसका मतलब पूछा. एम्मा कहती हैं कि जानकारी के लिए इस शब्द का मतलब पूछना अलग है लेकिन अधिकतर ने उन्हें जज करते हुए ये सवाल पूछा. वो लिखती हैं,
कैसा लगता है अपनी आइडेंटी को एक नाम देना?"ये शब्द आसानी से समझ आ सकता है लेकिन सामाजिक जड़ता के कारण हम शब्दों को बहुत धीमी गति से सीखते हैं. कई बार मैं भी खुद का ही मजाक बनाने लगती थी. खुद को कोसती थी कि मैं कौन हूं."
वो आगे लिखती हैं,
"एब्रोसेक्सुअल शब्द के बारे में जानने से पहले मैं खुद को खोया हुआ महसूस करती थी. जब भी किसी प्रियजन से बात करते हुए मुझे अपनी सेक्सुअल आइडेंटी को लेकर बदलाव महसूस हुआ, मुझे लगा कि मैं कोई धोखेबाज हूं."
एम्मा को एक सोशल मीडिया पेज के जरिए इस शब्द की जानकारी मिली. इसके बाद वो इसको लेकर सहज हो गईं. वो कहती हैं,
“लोग अलग-अलग ओरिएंटेशन के बारे में जानने की तब तक कोशिश नहीं करते, जब तक कि सीधे तौर से उन पर असर ना पड़ता हो. अब मुझे पता चल गया है, तो मैं अपनी पहचान को एक नाम दे सकती हूं."
वो कहती हैं कि अब वो अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी को लेकर घबराती नहीं हैं. क्योंकि उनके लिए अपनी पहचान ही सबसे ज्यादा मायने रखती है.
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