केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने पुष्टि की है कि केंद्र सरकार 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने साफ किया कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने से नहीं भाग रही है. ऑल-पार्टी मीटिंग में शामिल होने के बाद रिजिजू ने कह कि हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े अहम मुद्दों पर सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं. उन्होंने जोर दिया कि सदन की कार्यवाही सही ढंग से चलाना सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है.
मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर होगी चर्चा, ऑल पार्टी मीटिंग में केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बताया
All-Party Meeting के बाद केंद्रीय मंत्री Kiren Rijiju ने बताया कि केंद्र सरकार मानसून सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेगी. इनमें ऑपरेशन सिंदूर जैसा बड़ा मुद्दा शामिल है. उन्होंने Justice Yashwant Varma के खिलाफ महाभियोग पर भी बात की.

इंडिया टुडे से जुड़े पीयूष मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि सरकार ने मानसून सत्र में 17 बिलों को सदन के पटल पर रखने की तैयारी पूरी कर ली है. उन्होंने आगे कहा कि इन बिलों पर बहस के दौरान सरकार हर सवाल का जवाब देगी.
रिजिजू से जब पूछा गया कि विपक्ष भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दावों को संसद में उठा सकता है, तो उन्होंने कहा,
"जब हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे, तो हम अपना रुख एकदम साफ करेंगे. लेकिन अभी किसी भी विदेशी नेता के सभी बयान या हरेक बयान पर किसी मंत्री को प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है... चाहे अमेरिका के राष्ट्रपति हों या कोई और हों, यहां हम उसका जवाब देने में असमर्थ हैं, क्योंकि यह एक सही फोरम नहीं है. सरकार संसद में उचित जवाब देगी."
केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ऑल-पार्टी डेलीगेशन पर कहा,
"ऑपरेशन सिंदूर के बाद अलग-अलग देशों में गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा बहुत अच्छी और प्रभावी रही है और उन सभी अच्छे अनुभवों को देश के सामने साझा किया जाना चाहिए. हमें इसका स्वागत करना चाहिए."
दी हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा ने अपनी याचिका में कहा,
"केंद्र सरकार, जो दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी संभालती है, को यह सूचना मिलने पर कि जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में जली और अधजली करेंसी नोट्स की बरामदगी हुई है और उन्हें चोरी-छिपे वहां से हटाया गया है, यह उसका कर्तव्य था कि वो दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने का निर्देश देती. ऐसा ना करना उसके कर्तव्य का पालन करने में भारी विफलता है."
याचिका में सर्वोच्च अदालत से अपील की गई है कि वो केंद्र/दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने और कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दे या फिर पुलिस/केंद्र सरकार को FIR दर्ज करने के लिए चीफ जस्टिस की इजाजत लेने का निर्देश दे.
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