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कांवड़ियों ने CRPF जवान को जमीन पर गिराकर लात-घूसों से पीटा, 7 हिरासत में

Kanwar Yatra: CRPF जवान Mirzapur रेलवे स्टेशन से ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन पकड़ने जा रहा था. लेकिन टिकट विवाद में कांवड़िए प्लेटफॉर्म पर सरेआम जवान को लातों और घूंसों से पीटने लगे. यह पूरा वाकया CCTV कैमरा में रिकॉर्ड हो गया.

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CRPF जवान का पीटने के आरोप में 7 कांवड़ियों पर मुकदमा दर्ज. (India Today)

उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस (CRPF) के एक जवान के साथ बुरी तरह मारपीट की. आरोप है कि कांवड़ियों ने वर्दी का भी लिहाज नहीं किया और जवान को जमीन पर गिराकर लात-घूंसों से पीटा. घटना शनिवार, 19 जुलाई को मिर्जापुर रेलवे स्टेशन की है. जवान के साथ मारपीट के मामले में 7 कांवड़ियों को हिरासत में लिया गया है.

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इंडिया टुडे से जुड़े सुरेश कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, टिकट खरीदने के दौरान विवाद हुआ, जिसमें कांवड़ियों ने जवान के साथ कथित तौर पर मारपीट की. पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि कांवड़ियों का एक समूह एक CRPF जवान को पकड़कर बेरहमी से पीट रहा है.

CRPF जवान मिर्जापुर रेलवे स्टेशन से ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन पकड़ने जा रहा था. लेकिन टिकट विवाद में कांवड़िए प्लेटफॉर्म पर सरेआम जवान को लातों और घूंसों से पीटने लगे. इस दौरान एक यात्री कांवड़ियों से जवान को बचाने की कोशिश करता है. यह पूरा वाकया CCTV कैमरा में रिकॉर्ड हो गया.

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CRPF जवान के साथ मारपीट की सूचना रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को दी गई. RPF ने इस मामले में FIR दर्ज की और सात कांवड़ियों को हिरासत कर लिया. RPF प्रभारी निरीक्षक के निरीक्षक चमन सिंह तोमर ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा,

"मामला आज सुबह साढ़े नौ से पौने दस बजे के बीच का है. एक CRPF के जवान थे, जो अपनी ड्यूटी के लिए ब्रह्मपुत्र मेल को पकड़ने के लिए आए थे. उन्हीं के साथ लाल कपड़ों में कुछ लड़के थे, उनका आपस में विवाद हुआ है. इस संबंध में हम लोगों ने 7 आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराई जा रही है."

उन्होंने आगे बताया कि तीन वयस्क आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, जबकि चार नाबालिग आरोपियों को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है. CRPF जवान के साथ तब मारपीट की गई, जब एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ियों का खुला समर्थन किया था. 18 जुलाई को उन्होंने कहा था,

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"कांवड़ यात्रा चल रही है. श्रमिक वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक, हर व्यक्ति इस अभियान (कांवड़ यात्रा) से जुड़ा है. ये एकता का अद्भुत प्रदर्शन है. इसमें जाति, क्षेत्र, वर्ग, धर्म या समुदाय का कोई भेदभाव नहीं है. लेकिन मीडिया ट्रायल होता है, बदनाम किया जाता है. खूब उसके बारे में लिखा जाता है. उन्हें उपद्रवी और आतंकवादी तक बोलने का दुस्साहस होता है."

इस साल कांवड़ यात्रियों की कथित हिंसा और तोड़फोड़ की कई घटनाओं के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बयान दिया था.

कांवड़ियों की तोड़फोड़

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में पुलिस ने चार कांवड़ियों को गिरफ्तार किया. इन पर आरोप था कि इन्होंने दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाईवे को रोका और बहादराबाद के पास सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. अधिकारियों के मुताबिक, इन कांवड़ियों ने एक मामूली विवाद पर हंगामा खड़ा कर दिया और बैरिकेड्स लगाकर ट्रैफिक रोक दिया.

गाजियाबाद में भी कांवड़ियों ने एक कार से कांवड़ टकराने पर कथित रूप से बवाल मचाया और तोड़फोड़ की. यह घटना 14 जुलाई को घटी, जिसमें आरोप है कि मोदीनगर और हरिद्वार के अपर रोड पर कांवड़ियों ने तोड़फोड़ की.

कानपुर में भी कांवड़ यात्रा के दौरान हिंसा हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां एक होमगार्ड, एक सिक्योरिटी गार्ड और एक स्टूडेंट वॉलंटियर पर हमला किया गया. बाद में पुलिस स्टेशन में भी तोड़फोड़ की गई, जिसमें कांवड़ियों का कथित तौर पर हाथ था.

मुजफ्फरनगर में एक और घटना सामने आई, जहां कांवड़ियों के एक समूह ने सड़क किनारे एक ढाबे में कथित तौर पर तोड़फोड़ की. उनका आरोप था कि ढाबे के मुस्लिम मालिक ने अपनी पहचान साफ तौर पर जाहिर नहीं की थी.

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