21 जुलाई को संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र की शुरुआत हुई. राज्यसभा में थोड़ी हलचल जरूर थी लेकिन इसके बावजूद, सभापति और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) सामान्य तरीके से काम कर रहे थे. सबकुछ ठीक ही लग रहा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी यही दावा किया.
कोरे कागज पर BJP सांसदों के साइन से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का क्या कनेक्शन है?
Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे को लेकर विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि उनकी सेहत ठीक थी, उन्होंने खुद इस्तीफा नहीं दिया है बल्कि उनसे इस्तीफा लिया गया है.

उन्होंने कहा कि शाम के 7:30 बजे उन्होंने फोन पर धनखड़ से बात की. कांग्रेस नेता ने कहा कि वो अपने परिवार के साथ थे और उन्होंने ये भी बताया कि 22 जुलाई की सुबह 10 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी.
इससे पहले शाम के लगभग 5 बजे जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह ने धनखड़ से मुलाकात भी की थी. इन नेताओं को भी आश्चर्य हुआ जब देर शाम को खराब सेहत का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया. क्योंकि इन नेताओं का दावा है कि उनकी सेहत ठीक लग रही थी.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने अचानक इस्तीफा दिया क्यों. इस सवाल के इर्द-गिर्द कई अटकलें लगाई जा रही हैं. एक इनपुट ये भी है कि एक तरफ जहां धनखड़ सामान्य रूप से सदन चला रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय का माहौल अलग था. वहां हलचल थी.
सफेद कागज पर हस्ताक्षरभारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि रक्षा मंत्री के कार्यालय में उनसे एक सफेद पन्ने पर हस्ताक्षर करवाया जा रहा था. ये साइन क्यों करवाए जा रहे थे? ये किस नेता के बारे में था? इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी सामने नहीं आई. लेकिन इस मामले को जगदीप धनखड़ से जोड़कर देखा जा रहा है.
राज्यसभा और लोकसभा में महाभियोग का मामला क्या है?21 जुलाई को राज्यसभा में धनखड़ ने, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया. ठीक इसी समय, दोपहर के करीब 2 बजे ये खबर भी आई कि लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के 100 से ज्यादा सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस पर साइन कर दिए हैं.
यहां ये स्पष्ट है कि महाभियोग प्रस्ताव को दोनों सदनों में पेश करने की तैयारी थी. राज्यसभा में इसके नोटिस को पहले स्वीकार कर लिया गया. अब यहां ध्यान देने वाली एक और बात है. करीब 4 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में बताया कि महाभियोग प्रस्ताव पर 63 विपक्षी सांसदों से नोटिस मिला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा में जो प्रस्ताव लाने की तैयारी है, उसमें विपक्षी सांसदों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सांसदों के भी हस्ताक्षर हैं.
4 बजे जब धनखड़ ने महाभियोग प्रस्ताव के बारे में बताया, तब उन्होंने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से ये पुष्टि करने के लिए भी कहा कि क्या लोकसभा में नोटिस दिया गया है. इसके बाद उन्होंने एक ज्वाइंट कमिटी बनाने और नियमों के अनुसार आगे बढ़ने की बात कही.
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सादे कागज पर हस्ताक्षर और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का धनखड़ के इस्तीफे से कितना संबंध है? अगले कुछ समय के बाद इसके स्पष्ट होने की संभावना है. लेकिन अब तक की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 जुलाई को सदन की कार्यवाही के दौरान धनखड़ ने ऐसा कोई इशारा नहीं दिया, जिससे ये पता चल सके कि वो इस्तीफा देने वाले हैं या उनकी सेहत खराब है.
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