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अदालत का समय बर्बाद कर रहे थे, जज बोले- 'हाथ ऊपर करके खड़े हो जाओ'

Contempt of Court: पिछली सुनवाई में अदालत ने निर्देश दिया गया था कि आरोपी 15 जुलाई को अपना बेल बॉन्ड भरें. लेकिन तय तारीख पर जब उन्होंने समय पर बेल बॉन्ड नहीं भरा, तो अदालत ने सख्ती दिखाई.

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दिल्ली की द्वारका कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनाई सजा.

दिल्ली की एक अदालत ने समय बर्बाद करने और आदेश की अवहेलना करने पर चार आरोपियों को सजा दी है. अदालत ने उन्हें पूरे दिन कोर्ट में खड़े होकर हाथ हवा में उठाए रखने का दंड दिया. यह फैसला द्वारका कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) सौरभ गोयल ने 15 जुलाई को सुनाया.

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दी हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला 2018 में दर्ज एक FIR से जुड़ा है, जो हरकेश जैन नामक व्यक्ति ने दर्ज करवाई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि अनिल, राम कुमार, आनंद, कुलदीप, राकेश और उपासना सहरावत ने उनकी संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 441 (आपराधिक अतिक्रमण), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (साझा आपराधिक इरादा) के तहत मामला दर्ज हुआ.

कार्रवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि दो आरोपी-अनिल और राम कुमार की मृत्यु हो चुकी है. बाकी बचे चार आरोपियों को पिछली सुनवाई (6 मई) में निर्देश दिया गया था कि वे 15 जुलाई को अपना बेल बॉन्ड भरें. लेकिन तय तारीख पर जब उन्होंने समय पर बेल बॉन्ड नहीं भरा, तो अदालत ने सख्ती दिखाई.

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कोर्ट ने कहा,

"सुबह 10 बजे से 11.40 बजे तक दो बार इंतजार करने और मामले की सुनवाई शुरू होने के बावजूद आरोपियों ने बेल बॉन्ड नहीं भरे. अदालत का समय बर्बाद करने के लिए, जो पिछली सुनवाई की तारीख को विधिवत जारी किए गए आदेश की अवमानना है, आरोपियों को अदालती कार्यवाही की अवमानना का दोषी ठहराया जाता है... उन्हें अदालत के उठने तक अदालत में हाथ ऊपर करके खड़े रहने का निर्देश दिया जाता है."

आरोपियों के बर्ताव को न्यायिक समय की बर्बादी बताते हुए अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी.

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