एक महिला चंड़ीगढ़ में अपने बालों को कलर करवाने गई. इस दौरान एलर्जी के कारण उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. उसने सैलून वालों से अस्पताल जाने के लिए एक एम्बुलेंस बुलाने की रिक्वेस्ट की. लेकिन आरोप है कि सैलून वालों ने इस मामले में उसकी कोई मदद नहीं की. अब इस मामले में चंडीगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सैलून को निर्देश दिया है कि वो उस महिला को 54 हजार रुपये का भुगतान करे.
महिला को हेयर कलर से हुई एलर्जी, सैलून वालों ने इसके बाद ऐसी गलती की, देने पड़े 54 हजार रुपये
Chandigarh News: महिला को सैलून में एलर्जी हुई. अब इस मामले में चंडीगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सैलून को निर्देश दिया है कि वो उस महिला को 54 हजार रुपये का भुगतान करे. सैलून वालों की एक गलती उनपर भारी पड़ गई.
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घटना 10 मार्च, 2023 की है. मोहाली की रहने वाली महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वो चंडीगढ़ के सेक्टर 9 में स्थित ‘हेयर मास्टर्स’ सैलून में हेयर कलरिंग सर्विस के लिए गई थी. सैलून ने महिला के काम की जिम्मेदारी अपने सबसे कुशल माने जाने वाले हेयरड्रेसर साहिल अली को दी. महिला को बताया गया कि साहिल अली के हेयर कलरिंग की लागत 12,000 रुपये और बोटॉक्स की लागत 5,900 रुपये होगी. यानी कुल 17,900 रुपये.
इसके बाद महिला के बालों को कलर करने की प्रक्रिया शुरू हुई. शिकायत करने वाली महिला ने आरोप लगाया कि हेयर कलर लगाने के दौरान उसे मतली (Nausea), बेचैनी और उल्टी जैसी दिक्क्तें होने लगीं.
ऐसे में महिला की मां ने सैलून से अपनी बेटी को नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस या कैब की व्यवस्था करने को कहा. लेकिन आरोप है कि सैलून ने कोई भी मदद देने से इनकार कर दिया. बाद में उसकी मां उसे तुरंत नजदीक के प्राइवेट अस्पताल ले गईं. वहां पता चला कि महिला में ये लक्षण एलर्जी के कारण आए. और ये एलर्जी ‘हेयर कलरिंग ट्रीटमेंट के कारण’ हुई.
शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि तीन दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसे 12 मार्च, 2023 को छुट्टी दे दी गई. इस दौरान इलाज में कुल खर्चा आया, 21,907 रुपये. महिला ने अपनी पूरी शिकायत उपभोक्ता आयोग के सामने रखी.
सैलून का क्या कहना है?हेयर मास्टर्स सैलून ने इस पूरे मामले पर अपना जवाब दिया. सलून ने कहा कि महिला ने सर्विस शुरू करने से पहले ही बताया था कि वो पहले से ही अस्वस्थ और बेचैन है. इसलिए उसे अपनी अपॉइंटमेंट रद्द करके किसी और तारीख पर आने की सलाह दी गई थी. लेकिन उसने जोर देकर कहा कि वो उसी समय (घटना वाले दिन ही) अपने बालों को कलर करवाना चाहती है.
सैलून ने अपनी दलील में आगे कहा कि महिला को अपनी स्थिति के बारे में पता था. लेकिन इसके बावजूद उसने प्रक्रिया जारी रखने को कहा. इससे सैलून वालों को ये लगा कि वो इतनी अस्वस्थ नहीं है कि उसके बालों को कलर ना किया जा सके.
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आयोग क्या बोला?जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. इसके बाद शिकायत करने वाली महिला के मेडिकल पर्चे को देखा. अंत में आयोग ने कहा कि ये स्प्ष्ट है कि बाल रंगने के बाद महिला को एलर्जी (रिएक्शन) हुई थी. अलग-अलग तरह के केमिकल प्रोडक्ट वाले डाई, ब्लीच और अन्य कंपाउंड के इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
आयोग ने आगे कहा कि सैलून के पास प्राथमिक चिकित्सा किट (first-aid kit) या दवा नहीं थी. न ही उन्होंने कोई टैक्सी या एम्बुलेंस सेवा की व्यवस्था की थी. जबकि शिकायतकर्ता मुश्किल में थी. इस तरह का नकारात्मक रवैया और शुरुआती मेडिकल सर्विस की कमी, सैलून की सर्विस में कमी को दिखाती है.
इस तरह आयोग ने हेयर मास्टर्स सैलून को निर्देश दिया कि वो महिला को 54 हजार रुपये दें. इसमें हेयर कलरिंग के लिए दिए गए 17,900 रुपये, महिला के इलाज के दौरान खर्च हुए 21,907 रुपये, मुआवजे के 7,500 रुपये और मुकदमे में खर्च हुए 7,000 रुपये शामिल हैं.
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