सर्जिकल स्ट्राइक 2 के बाद वैसे ही फोटोज और वीडियोज आने शुरू हुए जैसे पुलवामा अटैक के बाद हुए थे. हम लगातार पड़ताल करके आपको बताते रहे कि क्या कहां से कैसे आया है. और क्यों बिना जांचे शेयर करना गलत है. एयर फोर्स के एक्शन के बाद पाकिस्तान की तरफ से बताया गया कि हमारे यहां कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ है. ऑफिशियली अभी हमारी भी आर्मी, एयर फोर्स या सरकार ने मारे गए लोगों की गिनती नहीं बताई है. लेकिन सोशल मीडिया पर तस्वीरें आ गई हैं. क्लेम किया जा रहा है कि ये पाकिस्तान से आई हैं. एक ये किन्हीं कनक मिश्रा का फेसबुक पोस्ट है. जिसमें तीन फोटो हैं और कैप्शन लिखा है.
पाकिस्तान विनाश और बर्बादी का जखीरा देख ले
ये तेरे पाक की तस्वीर है जो आज हुआ
हिन्दुस्तान जिंदाबाद !! 
इस पोस्ट के 300 के लगभग शेयर्स हैं. ऐसी ही कुछ और पोस्ट हैं जिनमें 5-6 तस्वीरें लगी हैं. लाशों और मलबों की तस्वीरें.
हमने इन तस्वीरों की पड़ताल की. पता चला कि सारी फोटोज अलग अलग टाइम और जगहों की हैं. इनमें से किसी का भी इस वाली सर्जिकल स्ट्राइक से कुछ लेना देना नहीं है. एक एक करके सबका सच बताते हैं. पहली फोटो जिसमें कफन में लिपटी हुई लाशें दिख रही हैं ये बालाकोट पाकिस्तान की ही है. लेकिन 11 अक्टूबर 2005 की. फोटो स्टॉक साइट गेटी पर लिखा है कि 8 अक्टूबर 2005 को वहां भयंकर भूकंप आया था. हजारों लोग मारे गए थे. 11 अक्टूबर को उन्हीं के कफन दफन के लिए लोग इकट्ठे हुए थे, ये तब की फोटो है.

दूसरी तस्वीर भी उसी भूकंप के बाद की है. पाकिस्तान के जियो टीवी ने ये 8 अक्टूबर 2017 को एक खबर अपनी वेबसाइट पर लगाई थी तो वहां ये फोटो भी लगी थी जिसमें लिखा था 'The earthquake left a trail of death and destruction.'

तीसरी तस्वीर में खटिया पर पड़ी तमाम सारी लाशें हैं. ये फोटो अक्टूबर 2006 का है. न्यूयॉर्क टाइम्स में इस फोटो के साथ खबर लगी मिली जिसमें लिखा था पाकिस्तान मिलिट्री ने अफगानिस्तान बॉर्डर पर स्थित एक मदरसे पर एयर स्ट्राइक की. जिसमें 80 लोग मारे गए. पाकिस्तान को पता चला था कि इस मदरसे में टेररिस्ट कैंप चलते हैं.

चौथी तस्वीर को लेकर ऑउटलुक पर खबर लगी थी कि लाहौर के एक अस्पताल में लोग लाशों के पास खड़े हैं. ये फोटो नवंबर 2014 का है जब पाकिस्तान में वाघा बॉर्डर के पास सुसाइड बॉम्बिंग में 52 लोग मारे गए थे.

पांचवी फोटो भी उसी हमले के बाद की हैं. बस लोग अस्पताल के बजाय मैदान में लाशों के साथ हैं. लोग क्या, मुख्य तौर पर औरतें.

6वीं और आखिरी तस्वीर पर गेटी इमेजेज बता रहा है कि ये 19 दिसंबर 2014 को खींची गई और ये मारे गए तालिबानी आतंकियों की लाशे हैं.

तो इस पड़ताल में पता चला कि जो भी सोशल मीडिया के वॉर हीरो ये तस्वीरें वायरल कर रहे हैं वो हाथ रोक लें. इन तस्वीरों का 26 फरवरी को हुई सर्जिकल स्ट्राइक से कोई लेना देना नहीं है. आपको कुछ संदिग्ध शेयर होता दिखे तो हमको padtaalmail@gmail.com पर भेजो.